हमारे बारे में

समाज को सशक्त बनाएं: दृष्टि, एकता और प्रगति

गुजराती बालाई युवा संघ की यात्रा में शामिल हों—यह एक ऐसा संगठन है जो समाज की ताकत, साझा सपनों और सकारात्मक पहल के माध्यम से बदलाव का प्रयास करता है।


हमारी प्रेरणा है समाज का उत्थान करना और सामूहिक प्रगति की दिशा में कार्य करना।


पारंपरिक मूल्यों के साथ आधुनिक दृष्टिकोण को अपनाते हुए, हम अपने समाज की सांस्कृतिक धरोहर का जश्न मनाते हैं और विकास में योगदान देते हैं।

युवाओं का सशक्तिकरण

संस्कृति संरक्षण

सामाजिक कल्याण

शैक्षिक उन्नति

सामाजिक समरसता

परिवर्तन की कहानियां: हमारी यात्रा की एक झलक

हमारे प्रयासों और उपलब्धियों के केंद्र में झांकिए। इस वीडियो में देखें कि कैसे जीवन बदला, मील के पत्थर हासिल किए गए, और हमारे समाज का जज़्बा प्रकट हुआ। हर फ्रेम में आशा, दृढ़ता और प्रगति की कहानी बसी है।

जाने युवा संघ के बारे में

अखिल भारतीय गुजराती बलाई युवा संघ समाज का शुद्ध सामाजिक, गैरराजनीतिक किन्तु राजनैतिक उन्मुख संगठन है ! जिसकी स्थापना 13 अप्रेल 2019 को श्री अशोक सोलंकी जी एवं श्री नवलसिंह ओसवाल जी ने समाजजनों के साथ मिलकर की थी ! अर्थात अखिल भारतीय गुजराती बलाई युवा संघ जिसे सामान्यतः संक्षिप्त में युवा संघ भी कहाँ जाता है के संस्थापक श्री अशोक सोलंकी जी एवं श्री नवलसिंह ओसवाल जी है !

युवा संघ के निर्माण के पीछे इसके निर्माण कर्ताओ की भावना यह थी कि संगठन के माध्यम से समाज को एकत्रित किया जाए एवं समाज का एक शशक्त संगठन बनाया जाए व समाज की बिखरी हुई ऊर्जा को एकत्रित कर इस संगठन शक्ति एवं ऊर्जा का उपयोग समाज के सर्वांगीण विकास के लिए किया जाए ! अर्थात समाज मे शिक्षा, रोजगार, व्यवसाय, चिकित्सा, महिला शशक्तिकरण जैसे विषयों को लेकर समाज मे एक सामाजिक क्रांति और सामाजिक चेतना को जागृत किया जाए ! और अपने निर्माण से अब तक युवा संघ यह कार्य बखूबी करता आया है !

युवा संघ एक विचारधारा युक्त संगठन है जिसमे व्यक्ति को महत्व ना दिया जाकर संगठन, समाज और समाजहित को महत्व दिया जाता है !

हमारे स्थापक

हमारे आधारस्तंभ

राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं संस्थापक

मा. अशोक सोलंकी जी

राष्ट्रीय प्रभारी एवं संस्थापक

मा. नवलसिंह ओसवाल जी

संगठन की मूल विचारधारा

समाज के अंतिम व्यक्ति को संगठन से जोड़ते हुए समाज के चहुँमुखी विकास के लिए कार्य करना है ! व्यक्ति और व्यक्तिवाद, स्वप्रसिद्धि और वगतिगत वर्चस्व से ऊपर उठकर समाज के संगठन और समाज को महत्व देते हुए समाज के सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित भाव के साथ पूर्ण निष्ठा से काम करना !

संगठन का सिद्धांत

मंशा, वाचा और कर्मणा के सिद्धात पर आधारित संगठन है ! अर्थात इसके कार्यकर्ता "जो मन मे है वही शब्दो मे और जो शब्दो मे है वही कर्मो में होगा" के भाव के साथ संगठन में समाज का कार्य करते है ! युवा संघ में व्यग्तिगत वर्चस्व, व्यग्तिगत प्रसिद्धि और व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए कोई स्थान नही है ! युवा संघ से जुड़ा प्रत्येक कार्यकर्ता फिर वह संगठन का प्रमुख ही क्यो ना हो स्वयं को संगठन के पीछे रखकर संगठन सर्वोपरि की भावना से काम करता है ! चुकी संगठन के माध्यम से ही समाज के हितों को पूरा किया जाता है इसलिए युवा संघ में संगठन सर्वोपरि कहाँ जाता है !